सोमवार, 21 मार्च 2011

होली के अवसर पर कम से कम ठंडे पेय जल से दूर रहकर पेप्सी और कोक से दूर रहने की शुरुआत करनी चाहिए........

एशिया और यूरोप को रौंद डालने के बावजूद मंगोलिया का चंगेज खाँ जिस विश्व विजय का सपना तलवार के बल पर पूरा नहीं कर पाया उसे पूरा कर दिखाया है अमरीका की कम्पनी पेप्सी और कोक ने और वह भी तलवार की नोंक से नहीं, ठंडे पेय की बोतलों से। इस समय दुनिया के 190 देशों में पेप्सीकोला का वितरण होता है। यों तो यह कम्पनी खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) में भी काम करती है, पर इसका मुख्य कारोबार ठंडे पेय का ही है।
उपर्युक्त विषयों पर योग गुरु श्री रामदेव बाबा का काफ़ी योगदान रहा है । वह लगभग अपने प्रत्येक शिविरों में पेप्सी और कोक जैसे ठंडे पेय जलों का उपयोग करने से होने वाले परिणामों की चर्चा अवश्य करते हैं । उनकी बातों पर अमल करें और इनका उपयोग करने से बचें ।
विश्व विजय के आखिरी मुकाम तक पहुँचने के लिए पेप्सी ने ऐसा कोई तरीका नहीं, जो अपनाया न हो। प्यास मनुष्य की सहज प्राकृतिक जरूरत है। इसके सहारे अपना व्यापारिक साम्राज्य खड़ा करने की पेप्सी की प्यास बढ़ती ही जा रही है। आम लोगों के सम्मोहन के लिए इसने क्या-क्या नहीं किया हैः अन्तरराष्ट्रीय खेलों का प्रायोजन, नामी फिल्मी हस्तियों, खिलाड़ियों द्वारा विज्ञापन और सीरियल। पर नाच, गाना, खेलना ही पेप्सी का हथियार नहीं हैं, इसका इतिहास हत्याओं, धोखाधड़ी, छल-फरेबी, जालसाजी जैसे अपराधों से भरा पड़ा है।



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