मंगलवार, 15 मार्च 2011

राजभाषा के हित में


*  कड़वा सत्य - हिन्दी को राजभाषा न बनने में कहीं न कहीं ऊँचे पदों पर आसीन सरकारी कुर्सी तोड़ने वाले हिन्दी भाषी व्यक्तित्व की ही मेहरबानी है ।

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